पहला सूर्य ग्रहण, जानें क्या भारत में दिखेगा,
पहला सूर्य ग्रहण, जानें क्या भारत में दिखेगा,
2025: दोपहर 2.20 पर शुरु होगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें क्या भारत में दिखेगा, तारीख व समय की हर डिटेल...!
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च, शनिवार को लग रहा है।
जानें समय, तारीख और देखने का तरीका...!
एक बार स्पेस से जुड़ी चीजों में दिलचस्पी रखने वालों के लिए खास मौका आने वाला है।
हाल ही में होली के मौके पर 14 मार्च को साल 2025 का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण लगा था।
और अब इसी महीने के आखिर में साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है।
जी हां, पृथ्वी और सूर्य के बीच जब चंद्रमा गुजरेगा तो दिन में धरती पर अंधेरा छा जाएगा।
29 मार्च 2025 को लग रहे सूर्य ग्रहण में महज 5 दिन बाकी रह गए हैं।
आपको बताते हैं इस आंशिक सूर्य ग्रहण ( Parital Solar Eclipse ) के समय व तारीख के बारे में सबकुछ…!
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क्या होता है आंशिक सूर्य ग्रहण ( What is Partial Solar eclipse )
बता दें कि आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है और धरती के कुछ हिस्सों पर उसकी छाया पड़ती है जिसके चलते सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती।
इस स्थिति में चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता और एक सूर्य के कुछ हिस्से की रोशनी पृथ्वी पर आती है।
इस खगोलीय स्थिति को वैज्ञानिकों ने आंशिक सूर्य ग्रहण का नाम दिया है।
आसमान में दिखने वाले इस दुर्लभ नजारे का दुनियाभर के खगोलविदों को बेसब्री से इंतजार है और उनके लिए इस आकाशीय घटना को समझने का यह शानदार मौका होगा।
शनि अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का दुर्लभ संयोग, इस दौरान गलती से भी न करें ये काम, वरना मिल सकते हैं अशुभ परिणाम....!
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल शनि अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है।
ऐसे में इस दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस दिन देवों के देव महादेव और शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाती है।
इस के साथ ही, यह दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण मानी गई है।
पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र अमावस्या 29 मार्च को है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जा रहा है।
क्योंकि इस दिन दो बड़े संयोग बन रहे हैं।
दरअसल, इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा और इसी दिन शनिदेव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
29 मार्च को शनि अमावस्या भी है और साल का पहला सूर्य ग्रहण भी, ऐसे में इस दिन आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए वरना इससे आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
इस दिन बिल्कुल भी न करें ये 4 काम...!
चैत्र अमावस्या के दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
इस दिन बेजुबान जानवरों को परेशान नहीं करना चाहिए, खासकर गाय, कुत्ते और कौवे को नुकसान पहुंचाने से बचें।
क्योंकि ऐसा करने से शनि देव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।
इस दिन माता - पिता, बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए।
ऐसा करने से शनि दोष बढ़ सकता है और उनके दुष्प्रभाव का समाना करना पड़ सकता है।
चैत्र अमावस्या यानी शनिश्चरी अमावस्या के दिन बाल, नाखून और दाढ़ी काटना भी अशुभ माना जाता है।
मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में बाधाएं आ सकती हैं और बनते कार्य बिगड़ जाते हैं।
इसके अलावा, इस दिन तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
वहीं क्रोध, छल - कपट और गलत तरीके से धन कमाने से भी बचें, क्योंकि ऐसा करने से शनि देव नाराज हो सकते हैं।
शनिश्चरी अमावस्या पर करें ये उपाय....!
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को दान करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र और तेल का दान करें।
शनिश्चरी अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
मान्यता है कि इस दिन शनि मंदिर में जाकर तेल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
इस के अलावा अमावस्या पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि के नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं।
वहीं, सूर्य ग्रहण के दौरान मंत्र जाप और ध्यान करें।
इस से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
वैदिक ज्योतिष अनुसार शनि देव मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैंं, जिससे कुछ राशियों के अच्छे दिन शुरू हो सकते हैं...!
वैदिक ज्योतिष अनुसार शनि देव लगभग ढाई साल बाद एक राशि से दूसरी राश में गोचर करते हैं।
साथ ही वह एक राशि में आने में लगभग 30 साल का समय लगाते हैं।
आपको बता दें कि शनि देव अभी अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में संचऱण कर रहे हैं और वह 29 मार्च को मीन राशि में संचरण करेंगे।
जिससे कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है।
साथ ही इन राशियों की आय़ में वृद्धि और नौकरी में प्रमोशन के योग बन रहे हैं।
आइए जानते हैं ये लकी राशियांं कौन सी हैं…!
वृष राशि ( Taurus Zodiac )
शनि देव का मीन राशि में संचऱण वृष राशि के लोगों को सकारात्मक सिद्ध हो सकता है।
क्योंकि शनि देव आपकी गोचर कुंडली के 11वें स्थान पर भ्रमण करेंगे।
इस लिए इस दौरान आपकी आय में वृद्धि के योग बनेंगे।
साथ ही इस दौरान आपकी इनकम के नए-नए सोर्स बन सकते हैं।
वहीं आप धन की बचत कर पाने में सफल होंगे और बिजनस में भी आपको कई गुना लाभ हो सकता है।
साथ ही आपके जीवन में प्रगति के नए रास्ते खुलेंगे और आपकी योजनाएं सफल होंगी।
साथ ही नौकरी पेशा वाले हैं तो आपको फाइनेंशियल ग्रोथ मिलने के पूरे आसार हैं।
निवेश से आपको लाभ हो सकता है।
साथ ही शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी के लाभ के योग हैं।
मिथुन राशि ( Mithun Zodiac )
शनि देव का गोचर मिथुन राशि के लोगों को अनुकूल सिद्ध हो सकता है।
क्योंकि शनि देव आपकी गोचर कुंडली से करियर और कारोबार स्थान पर विचऱण करेंगे।
इस लिए इस दौरान नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को जॉब के नए अवसर मिल सकते हैं।
साथ ही करियर में उन्नति मिलेगी।
नौकरी और व्यापार में भी तरक्की के मौके मिलेंगे।
वहीं व्यापारियों को अच्छा धनलाभ हो सकता है।
करियर को लेकर चल रही टेंशन खत्म होगी।
युवाओं को किसी प्रभावशाली व्यक्ति के संपर्क में आने से जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल होगा।
धनु राशि ( Dhanu Zodiac )
आप लोगों के लिए शनि देव का राशि परिवर्तन लाभप्रद सिद्ध हो सकता है।
क्योंकि शनि देव आपकी राशि से चतुर्थ भाव पर संचऱण करने जा रहे हैं।
इस दौरान आपकी सुख - सुविधाओं में वृद्धि होगी।
साथ ही आपको वाहन और प्रापर्टी का सुख प्राप्त हो सकता है।
वहीं आपको समाज में मान - सम्मान और प्रतिष्ठा मिलेगी।
व्यापारियों को नए व्यापारिक सौदों से लाभ होगा।
साथ ही शनि देव आपकी राशि से धन और तीसरे भाव के स्वामी हैं।
इस लिए इस समय आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी।
साथ ही आपको समय - समय पर आकस्मिक धनलाभ हो सकता है।
वहीं इस समय आपके माता और ससुरालीजनों के संबंध अच्छे रहेंगे।
कब होता है सूर्य ग्रहण ?
गौर करने वाली बात है कि हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, सूर्य ग्रहण की घटना केवल अमावस्या के दिन ही होती है।
इस दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं।
साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण लग रहे हैं।
साल का पहला सूर्य ग्रहण नजदीक है और 29 मार्च को लगेगा वहीं साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा।
सूर्य ग्रहण किस समय लग रहा है ?
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के अनुसार, आंशिक सूर्य ग्रहण अमेरिकी समय के मुताबिक सुबह 4.50 बजे शुरु होगी और 6 बजकर 47 मिनट पर यह पीक यानी अपने चरम पर होगा।
और सुबह 8.43 पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
भारतीय समयानुसार यह ग्रहण दिन में दोपहर 2 बजकर 20 बजे शुरु होगा और शाम 4.17 बजे अपने चरम पर होगा।
नासा के मुताबिक, कुछ जगहों पर ग्रहण के दौरान सूर्य का 93 प्रतिशत तक हिस्सा ढकने की उम्मीद है यानी इन जगहों पर दिन में अंधेरा छा जाएगा।
क्या भारत में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण ?
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा।
यह आंशिक सूर्य ग्रहण एशिया, अफ्रीका, यूरोप अटलांटिक सूर्यग्रहण को एशिया, अफ्रीका, यूरोप, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका में नजर आएगा।
बता दें कि भारत में दिखाई ना देने के चलते, हिंदू पंचांग के मुताबिक, माने जाने वाला सूतक काल भी देश में मान्य नहीं होगा।
राहु ग्रह के दुष्प्रभाव (भाग 1)
तार्किक शक्ति एवं आलोचना का ग्रह राहु :
भारतीय ज्योतिष में राहु एक संसारिक ग्रह है।
जबकि गुरू को परलौकिक ग्रह माना गया है।
गुरू ग्रह का ऐसा मानना है कि जो कुछ हो रहा है वह सब कुछ सर्वशक्तिमान अर्थात् ग्रह ( भगवान ) की देन है जैसे सुख - दुख जीवन का अभिन्न अंग है ।
सुख का पता उसी को चलता है जिसने दुख देखा हो।
जिसने दुख नहीं देखा है वह सुख भी नहीं महसूस करेगा।
जैसे अगर किसी इन्सान को पूड़ी सब्जी और आचार रोज खाने को दिया जाये तो एक दिन उसका मन इससे भी भर जायेगा ।
फिर वह पूड़ी न खाकर कुछ और खाना चाहेगी।
श्री कृष्ण भगवान भी गीता में कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को कोई चीज आसानी से मिल जाती है तो उसकी कीमत नहीं समझता है।
जितना उसे मुश्किल से प्राप्त होगा, बहुत मेहनत करने से प्राप्त होगा उतना उसकी कीमत को समझेगा।
कोई व्यक्ति बस से जा रहा था।
चालक ने ध्यान से चलाया लेकिन बस फिर भी पेड़ से टकरा गई और व्यक्ति का हाथ पैर टूट गया या व्यक्ति मर गये।
कुछ लोग इस पर तर्क करेंगे कि ड्राइवर ठीक से नहीं चला रहा था जबकि जिसके कुण्डली में गुरू प्रधान है वह तर्क नहीं करेंगे वह बोलेंगे कि दुख लिखा था इस कारण बहाना बनकर आया।
राहु एक तार्किक ग्रह है इसी कारण जातक तर्क वितर्क करके सभी पहलू पर ध्यान देकर एक - दूसरे पर दोष लगाकर भी काम करेगा।
राहु को आलोचना करना बहुत पसन्द है।
दूसरों की कमी निकालकर बुराई करके अपना अच्छा बनने की कोशिश करेंगे।
बात थोड़ी - सी होगी तब भी दूसरे के ऊपर सारा दोष लगा देंगे।
आज राजनीति में राहु आया हुआ है।
इसी कारण राजनीतिक पार्टियां अपना अच्छा काम न करके बल्कि एक - दूसरे पर दोष - रोपण करके अपना लाभ उठाना चाहती हैं।
यही बात परिवार में भी देखा गया कि सास और बहु एक दूसरे पर दोषारोपण करती है और पति / पत्नी में भी तू - तू मैं - मैं होती रहती है जवकि दोनों को ऐसा चाहिए।
सास बहु को अपनी बेटी समझे और बहु सास को अपनी माता समझे ।
इस से गुरू और चन्द्र का प्रभाव बढ़ जायेगा और सुख शान्ति बढ़नी शुरू हो जायेगी।
पति - पत्नी में तू - तू मैं - मैं नहीं होनी चाहिए बल्कि एक ने गलती की दूसरे ने की बल्कि दोनों को मिलकर यह कहना चाहिए कि अगर कोई गलती हुई है तो हमने की है इससे दोनों के अभिमान और अंह में कमी आकर जीवन अच्छा चलेगा।
हर इन्सान का चेहरा परमात्मा ने अलग - अलग किस्म का बनाया है जो आपके लिए अच्छा है वह दूसरे के लिए खराब हो सकता है।
इसी कारण सबके विचार सबसे नहीं मिलते हैं अगर किसी की आलोचना - बुराई कर रहे हैं वह आपके निगाह में खराब हो सकता है लेकिन दूसरे के नजर में हो सकता है वह बुरा न हो बल्कि सामान्य घटनायें हो।
राहु के बारह भावो में शुभाशुभ फल :
राहु लग्न में👉 स्थित हो तो जातक दुष्ट स्वभाव का, शिरो - रोगी, विवादी, मिथ्याचारी, वात रोगी, अस्थिर मति तथा त्वचा रोग से पीड़ित होगा। राहु का योग होने पर वह उन्मादी होगा।
राहु द्वितीय भाव👉 में हो तो जातक अप्रिय बोलने वाला, धन नाशक, व्यर्थ भ्रमण करने वाला, मुख रोग से पीड़ित तथा वित्तीय अस्थिरता से युक्त होगा। परिवार में मतभेद रहेंगे।
राहु तृतीय भाव👉 में हो तो जातक यशस्वी, शत्रुओं का दमन करने वाला, अरिष्टों से रहित, धनी, दीर्घायु एवं साहसी होगा परंतु भातृ कष्ट से पीड़ित रहेगा।
राहु चतुर्थ भाव👉 में हो तो जातक भ्रमणकारी, कपटी, माता व मित्र सुख से रहित, कुसंगी तथा हृदय में चिन्ता से युक्त होगा।
राहु पंचम भाव👉 में हो तो जातक उदर रोगी, पुत्रों से कष्ट उठाने वाला, विद्या में बाधा से युक्त तथा दूसरों के द्वारा गलत समझा जाने वाला होगा।
यदि राहु शुभ राशि में शुभयुक्त एवं शुभ दृष्ट हो तो वह तीक्ष्ण बुद्धि से युक्त, उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाला और औषधि ज्ञान रखने वाला होगा।
सर्प दोष के कारण पुत्र प्राप्ति में बाधा होगी।
राहु षष्ठम भाव👉 में हो तो जातक शत्रुरहित होगा।
उसकी आंतों में कीड़े होंगे तथा कमर में दर्द रहेगा।
वह धनी एवं दीर्घायु होगा।
राहु पापयुत या पापदृष्ट हो तो होंठों पर व्रण होगा।
राहु सप्तम भाव👉 में हो तो जातक के विवाह में विलम्ब होगा पत्नी गर्भाशय रोग से पीड़ित होगी यदि राहु पापी ग्रह से योग करे तो पत्नी चिड़चिड़े स्वभाव की होगी।
वह मूत्र संबंधी रोग से पीड़ित रहेगा।
राहु अष्टम भाव👉 में हो तो जातक बवासीर एवं वात विकार से पीड़ित, अल्पायु, अशुद्ध कर्म करने वाला, चरित्रहीन, कपटी, मानसिक रोगी तथा झगड़ालु प्रकृति का होगा।
राहु नवम भाव👉 में हो तो जातक प्रतिकूल वचन बोलने वाला अनैतिक, ईश्वर एवं धर्म का निन्दक, मिथ्या वचन करने वाला भाग्यहीन तथा दुराचारी होगा।
यदि राहु शुभ राशि में शुभ ग्रहों से संबंध करे तो ऐसा व्यक्ति भाग्यवान तथा मां दुर्गा का भक्त होगा।
राहु दशम भाव👉 में हो तो जातक पितृ सुख से रहित, दूसरों के कार्य में रत, सत्कर्महीन तथा विख्यात होगा।
शुभ ग्रहों से योग करने पर राहु शुभ फल तथा यश देने वाला होगा।
राहु एकादश भाव👉 में सदैव शुभ फल देगा एवं अरिष्ट नाशक होगा।
ऐसे जातक को राज - सम्मान, समस्त भोग्य पदार्थ तथा धन-सम्पत्ति प्राप्त होगी।
आयु दीर्घ होगी और कान में रोग रहेगा।
राहु द्वादश भाव👉 में हो तो जातक छिपकर पाप करने वाला, अशान्त, अनैतिक, दुष्टों से स्नेह करने वाला, नेत्र रोगी, व्यर्थ का व्यय करने वाला तथा पांवों में पीड़ा से युक्त होता है।
राहु को शुभ बनाने के अन्य उपाय :
👉 अपनी शक्ति के अनुसार संध्या को काले - नीले फूल, गोमेद, नारियल, मूली, सरसों, नीलम, कोयले, खोटे सिक्के, नीला वस्त्र किसी कोढ़ी को दान में देना चाहिए।
👉 राहु की शांति के लिए लोहे के हथियार, नीला वस्त्र, कम्बल, लोहे की चादर, तिल, सरसों तेल, विद्युत उपकरण, नारियल एवं मूली दान करना चाहिए. सफाई कर्मियों को लाल अनाज देने से भी राहु की शांति होती है।
👉 राहु से पीड़ित व्यक्ति को शनिवार का व्रत करना चाहिए इससे राहु ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है।
👉 मीठी रोटी कौए को दें और ब्राह्मणों अथवा गरीबों को चावल दान दें।
👉 राहु की दशा होने पर कुष्ट से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए।
👉 गरीब व्यक्ति की कन्या की शादी करनी चाहिए।
👉 राहु की दशा से आप पीड़ित हैं तो अपने सिरहाने जौ रखकर सोयें और सुबह उनका दान कर दें इससे राहु की दशा शांत होगी।
👉 ऐसे व्यक्ति को चांदी का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।
👉 हाथी दाँत का लाकेट गले में धारण करना चाहिए।
👉 अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए।
सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है।
👉 जमादार को तम्बाकू का दान करना चाहिए।
👉 चांदी की चेन गले में पहने ।
👉 दिन के संधिकाल में अर्थात् सूर्योदय या सूर्यास्त के समय कोई महत्त्वपूर्ण कार्य नही करना चाहिए।
👉 यदि किसी अन्य व्यक्ति के पास रुपया अटक गया हो, तो प्रातःकाल पक्षियों को दाना चुगाना चाहिए।
👉 झुठी कसम नही खानी चाहिए।
राहु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु शनिवार का दिन, राहु के नक्षत्र ( आर्द्रा, स्वाती, शतभिषा ) तथा शनि की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
क्या न करें :
मदिरा और तम्बाकू के सेवन से राहु की दशा में विपरीत परिणाम मिलता है...!
अत: इनसे दूरी बनाये रखना चाहिए....!
आप राहु की दशा से परेशान हैं तो संयुक्त परिवार से अलग होकर अपना जीवन यापन करें।
!!!!! शुभमस्तु !!!
🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 ( तमिलनाडु )
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏