सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
*🌞🌹सूर्य ग्रह पीड़ा से मुक्ति के उपाय🌹🌞*
सूर्य ग्रह पीड़ा से मुक्ति के उपाय
आज हम जन्म पत्रिका अथवा गोचर के सूर्य के अशुभ प्रभाव को समाप्त कर उन को शुभ प्रभाव में बदलने के लिए कुछ विशेष उपाय लिख रहे हैं।
इनमें से कोई भी एक अथवा एक से अधिक उपाय आप निश्चिंत हो कर सकते हैं।
उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से आरंभ करें।
1👉 प्रत्येक रविवार को गाय को गुड़ व गेहूं खिलाने से आर्थिक लाभ के साथ मान - सम्मान बढ़ता है।
2👉 रविवार को किसी भी मंदिर में तांबे का दीप अर्पित करने से कर्म क्षेत्र में बाधा नहीं आती जिसमें यह ध्यान रखें कि तांबे का दीपक मंदिर में ही छोड़ आए।
3👉 सरकारी नौकरी में यदि स्थानांतरण का भय हो तो सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल मिर्च के 21 दाने डालकर नित्य सूर्य को अर्घ्य देने एवं प्रार्थना करने से स्थानांतरण नहीं होता।
4👉 प्रतिदिन तांबे के लोटे में जल के साथ कच्चा दूध लाल पुष्प लाल चंदन मिलाकर अर्घ्य देने से सूर्य कृत कष्टों में कमी आती है एवं गुप्त शत्रु निष्क्रिय होते हैं।
5👉 पिता व पुत्र में यदि मानसिक विरोध हो तो पिता या पुत्र रविवार को सवा किलो गुड़ अपने सर से 11 बार उतार कर बहते जल में प्रवाहित करें इससे आपसी संबंध अच्छे होते हैं ऐसा लगातार 3 रविवार करें इसके अतिरिक्त यदि कोई सूर्य कृत रोग मुकदमेबाजी शत्रु समस्या अथवा कर्म क्षेत्र में विघ्न बाधा हो तो 2 किलो गुड़ प्रवाहित करना चाहिए।
6👉 यदि शत्रु कष्ट अधिक हो तो रविवार को लाल बैल को गुण एवं गेहूं खिलाना चाहिए।
7👉 सूर्य की प्रतिनिधि वस्तुओं का दान भूलकर भी नहीं लेना चाहिए।
8👉 घर में विष्णु पूजा अथवा हरिवंश पुराण की कथा करवानी चाहिए प्रतिदिन स्वयं भी इसका श्रवण मनन करना चाहिए।
9👉 सूर्य कृत कष्टों से मुक्ति के लिए सूर्य कवच स्तोत्र अथवा 108 नामों का उच्चारण करना चाहिए।
10👉 रविवार से आरंभ कर 40 दिन तक तांबे का सिक्का अथवा सिक्का रूपी तांबा जल में प्रवाहित करना चाहिए।
11👉 प्रथम भाव में सूर्य बस सप्तम भाव में शनि हो अथवा दोनों की युति हो तो बचपन में ही प्रताप की मृत्यु होने की संभावना अधिक होती है अधिक काम वेदना जीवन साथी का बीमार रहना अष्टम भाव में सूर्य से भी जीवनसाथी की मृत्यु होती है पंचम भाव में मंगल की राशि हो अथवा मंगल स्वयं हो वह साथ में सूर्य हो तो संतान कष्ट अथवा मृत्यु का भय रहता है ऐसे जातक को अपने पैतृक मकान में हैंड पंप लगवाना चाहिए रविवार के दिन मीठे शीतल जल की प्याऊ लगानी चाहिए।
12👉 सप्तम भाव में सूर्य व लग्न में शनि होने पर पुत्र नहीं होता होता भी है तो कुछ ना कुछ परेशानी व क्लेश अधिक रहता है रविवार को 4 × 4 इंच के सात तांबे के टुकड़े लेकर जातक भोजन के समय आचमन कर परोसी थाली में से थोड़ी - थोड़ी सभी सामग्री लेकर सभी सात टुकड़ो पर रखे इसके बाद निकाले हुए भोजन को अग्नि को समर्पित कर तांबे के टुकड़े जमीन में गाड़ दें काली गाय को गेहूं की रोटी पर थोड़ा गेहूं का गुड रखकर खिलाएं।
13👉 धन भाव में सूर्य समस्या दे रहा हो तो भी बहते जल में गुड़ बहाएं।
14👉 पंचम भाव में सूर्य यदि कष्ट दे रहा हो तो प्रतिदिन सूर्योदय व सूर्यास्त के समय सूर्य को प्रणाम करें तथा प्रातः एक तांबे के लोटे में जल में गुड शहद व शक्कर मिलाकर दिनभर थोड़ा थोड़ा पिये ऐसा लगातार 43 दिन तक करें।
15👉 अष्टम भाव के सूर्य के कारण यदि रोग कष्ट हो तो बंदर को गुड़ चने व चीटियों को शक्कर डालें।
16👉 पिता को यदि आपके अशुभ सूर्य से हानि हो रही हो अथवा कोई रोग हो तो आप किसी लाल बैल अथवा सांड वाले से संपर्क कर रविवार को बैल के गले में लाल धागा बंधवादे अगले रविवार को उस धागे को खुलवाकर दूसरा था का बंधवा दें तथा बैल का उतारा धागा पिता को पहना दे अगले रविवार को फिर यही करें तथा पिता का उतारा धागा विसर्जित कर दे ऐसा सात रविवार करें।
अवश्य लाभ होगा।
17👉 नेत्र रोग अथवा चश्मा उतारने के लिए नित्य सूर्य को अर्घ्य दें।
अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र का जाप करते रहें और अर्घ्य के समय यह ध्यान रखें कि जल धरती पर ना गिरे इसके लिए आप थाली अथवा गमले का उपयोग कर सकते हैं अर्घ्य देने के लिए दोनों हाथ इतनी ऊंचाई पर ले जाएं कि सूर्य की किरणें जल में से छनकर आप तक आए मन में यह सोचे कि सूर्य की किरणें आपके भ्रकुटी ( दोनों नेत्रों के बीच का स्थान ) से आपके अंदर प्रवेश कर रही है।
रात में सोते समय सफेद सुरमा प्रयोग करें अगर कम नंबर का चश्मा है तो 6 माह और यदि अधिक नंबर का चश्मा है तो 1 वर्ष के अंदर चश्मा उतर जाएगा अनेक लोगों द्वारा अनुभूत है जिन्हें लाभ मिला है।
18👉 सूर्य के अधिक कष्ट देने की स्थिति में रविवार से अगले रविवार तक 800 + 800 ग्राम गुड़ व गेहूं मंदिर में दान करें।
19👉 किसी भी कार्य के लिए घर से निकलते समय सदैव गुड़ खाकर व पानी पीकर ही निकले।
20👉 आदित्य स्तोत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्य स्तोत्र, सूर्य स्तवन, सूर्याष्टक, सूर्य कवच, सूर्य मंत्र जाप, 108 नाम का पाठ नित्य करें।
*🌞ॐ भास्कराय नमः🌞*
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏