google() // Google's Maven repository https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec 1. आध्यात्मिकता के नशा की संगत और ज्योतिष : ★ कुशोत्पाटिनी अमावस्या ★

amazon.in

https://www.amazon.in/HP-I7-13620H-15-6-Inch-Response-Fa1332Tx/dp/B0D2DHNKFB?pf_rd_r=BTMHJYAHM521RQHA6APN&pf_rd_p=c22a6ff6-1b2d-4729-bc0f-967ee460964a&linkCode=ll1&tag=blogger0a94-21&linkId=5fb9faae48680855ba5f1e86664d9bf9&language=en_IN&ref_=as_li_ss_tl

★ कुशोत्पाटिनी अमावस्या ★

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश

●●ऊँ●●

★ कुशोत्पाटिनी अमावस्या ★

कुशोत्पाटिनी अमावस्या :

जादू टोने व बुरी नजऱ से बचाएगा आज घर लाया कुश : -

आज यानी 18 अगस्त को कुशोत्पाटिनी या कुशाग्रहणी अमावस्या है। 

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शास्त्रों में कुशाग्रहणी या कुशोत्पाटिनी अमावस्या कहा जाता है। आज घर लाया कुश जादू - टोने व बुरी नजऱ से बचाता है। 

जादू - टोने का कोई भी असर घर परिवार पर नहीं पड़ता है। 




खास बात ये है कि कुश उखाडऩे से एक दिन पहले बड़े ही आदर के साथ उसे अपने घर लाने का निमंत्रण दिया जाता है। 

हाथ जोड़कर प्रार्थना की जाती है।

ऐसे दें कुश को निमंत्रण : -

कुश के पास जाएं और श्रद्धापूर्वक उससे प्रार्थना करें, कि हे कुश कल मैं किसी कारण से आपको आमंत्रित नहीं कर पाया था जिसकी मैं क्षमा चाहता हूं। 

लेकिन आज आप मेरे निमंत्रण को स्वीकार करें और मेरे साथ मेरे घर चलें। 





Lotus Herbals WhiteGlow Vitamin C Radiance Cream | SPF 20 | For Dark Spots & Dull Skin | Anti- Pollution | 50g

https://amzn.to/453991r


फिर आपको ऊं ह्रूं फट् स्वाहा इस मंत्र का जाप करते हुए कुश को उखाडऩा है उसे अपने साथ घर लाना है और एक साल तक घर पर रखने से आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।

पूजाकाले सर्वदैव कुशहस्तो भवेच्छुचि।
कुशेन रहिता पूजा विफला कथिता मया।।

अत: प्रत्येक गृहस्थ को इस दिन कुश का संचय करना चाहिए।

दस प्रकार के होते हैं कुश : -

शास्त्रों में दस प्रकार के कुशों का वर्णन मिलता है।

कुशा, काशा यवा दूर्वा उशीराच्छ सकुन्दका।
गोधूमा ब्राह्मयो मौन्जा दश दर्भा, सबल्वजा।।

यानि कुश, काश , दूर्वा, उशीर, ब्राह्मी, मूंज इत्यादि कोई भी कुश आज उखाड़ी जा सकती है और उसका घर में संचय किया जा सकता है। 





AULI LIFESTYLE Night Cream For Normal to Dry Skin Types | Almond Oil and Shea Butter | Anti Aging Face Cream to Reduce Lines & Wrinkles | As Good As New - 60GM

https://amzn.to/4o0FVsx


लेकिन इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि हरी पत्तेदार कुश जो कहीं से भी कटी हुई ना हो उस कुश को ही शुक्रवार के दिन उखाडऩा चाहिए। 

एक विशेष बात और जान लीजिए कुश का स्वामी केतु है लिहाज़ा कुश को अगर आप अपने घर में रखेंगे तो केतु के बुरे फलों से बच सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के नज़रिए से कुश को विशेष वनस्पति का दर्जा दिया गया है। 

इसका इस्तेमाल ग्रहण के दौरान खाने - पीने की चीज़ों में रखने के लिए होता है, कुश की पवित्री उंगली में पहनते हैं तो वहीं कुश के आसन भी बनाए जाते हैं।





Bi-luma Advance Skin brightening Night cream with Vitamin C and hyluronic acid for even skin tone, dark spots and wrinkles

https://amzn.to/4faFMPi


कौन सा कुश उखाड़ेंं : -

कुश उखाडऩे से पूर्व यह ध्यान रखें कि जो कुश आप उखाड़ रहे हैं वह उपयोग करने योग्य हो। 

ऐसा कुश ना उखाड़ें जो गन्दे स्थान पर हो, जो जला हुआ हो, जो मार्ग में हो या जिसका अग्रभाग कटा हो, इस प्रकार का कुश ग्रहण करने योग्य नहीं होता है।

संयम, साधना और तप के लिए आज का दिन श्रेष्ठ : -

कुशाग्रहणी अमावस्या के दिन तीर्थ, स्नान, जप, तप और व्रत के पुण्य से ऋण और पापों से  छुटकारा मिलता है. इस लिए यह संयम, साधना और तप के लिए श्रेष्ठ दिन माना जाता है. पुराणों में अमावस्या को कुछ विशेष व्रतों के विधान है। 

भगवान विष्णु की आराधना की जाती है यह व्रत एक वर्ष तक किया जाता है. जिससे तन, मन और धन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।





Lotus Herbals Whiteglow Advanced Pink Glow Night Cream | Intense Hydration | Preservative Free | For All Skin Types | 50g

https://amzn.to/3TZQqyF


कुशाग्रहणी अमावस्या का विधि-विधान : -

कुशोत्पाटिनी अमावस्या के दिन साल भर के धार्मिक कृत्यों के लिये कुश एकत्र लेते हैं. प्रत्येक धार्मिक कार्यो के लिए कुशा का इस्तेमाल किया जाता है. शास्त्रों में भी दस तरह की कुशा का वर्णन प्राप्त होता है. जिस कुशा का मूल सुतीक्ष्ण हो, इसमें सात पत्ती हो, कोई भाग कटा न हो, पूर्ण हरा हो, तो वह कुशा देवताओं तथा पितृ दोनों कृत्यों के लिए उचित मानी जाती है. कुशा तोड़ते समय'हूं फट मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

अघोर चतुर्दशी के दिन तर्पण कार्य भी किए जाते हैं मान्यता है कि इस दिन शिव के गणों भूत - प्रेत आदि सभी को स्वतंत्रता प्राप्त होती है. सोलन, सिरमौर और शिमला जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में परिजनों को बुरी आत्माओं के प्रभाव से बचाने के लिए लोग घरों के दरवाजे व खिड़कियों पर कांटेदार झाडिय़ों को लगाते हैं यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। 

कुश अमावस्या के दिन किसी पात्र में जल भर कर कुशा के पास दक्षिण दिशाकी ओर अपना मुख करके बैठ जाएं तथा अपने सभी पितरों को जल दें, अपने घर परिवार, स्वास्थ आदि की शुभता की प्रार्थना करनी चाहिए।






Mirabelle Korea Cica-Pep Intensive Peeling Gel 100ml | Gentle Exfoliation with Papain & Peptides | Soothing Centella Asiatica | Hydrating & Brightening Face Exfoliator | Korean Skincare for Men & Women

https://amzn.to/44LfnUK


कुशाग्रहणी अमावस्या का पौराणिक महत्व : -

शास्त्रों में में अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव को माना जाता है. इस लिए इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, दान - पुण्य का महत्व है। 

शास्त्रोक्त विधि के अनुसार आश्विन कृष्ण पक्ष में चलने वाला पन्द्रह दिनों के पितृ पक्ष का शुभारम्भ भादों मास की अमावस्या से ही हो जाती है।
[जय माँ काली] 





MMTC PAMP 24K 999.9 Purest Rose Engraved Gold Pendant, 2 Gram gold bar & coin, LBMA Certified

https://amzn.to/4lKTCdD


             🌹रत्नों के चमत्कारिक लाभ🌹
                 (ज्योतिष- ग्रह- नक्षत्र शास्त्र)
  
🔱👉  *हमारे जीवन में रत्नों  का बहुत बड़ा योगदान है। 

ये रत्न की यदि सही पखर करने के बाद धारण किया जाएं तो ये पत्थर  रुपी रत्न हमारे भाग्य जीवन में आश्चर्यजनक एवं चमत्कारिक परिवर्तन लाकर लाभदायक होते हैं। 

इस के लिए हमारी जन्मकुंडली को अध्ययन कर ही निष्कर्ष किया जा सकता है। 
ये कौन - कौन से रत्न है । 

निचे विस्तार से वर्णित किया गया है।

💥⏩ *पोखराज- हीरा- नीलम- गोमेद लहसुनिया रत्नों के चमत्कारिक गुण एवं लाभ इस प्रकार के हैं -: ⤵

      🌷पीला पुखराज-बृहस्पति का रत्न है🌷

🍄 *यह आध्यात्मिक शक्ति , वाणी और धर्म तथा ज्ञान में वृद्धि करता है। 

पुखराज रत्न मेष- कर्क- सिंह-‌ वृश्चिक- धनु व मीन लग्न वालों के लिए शुभ होता है लेकिन कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति का अवलोकन करने के उपरांत ही रत्न धारण करना चाहिए।

🍄 *वृषभ- मिथुन- कन्या- तुला- मकर और कुम्भ लग्न में इसको धारण करना अशुभ होगा। 

🍄 *जिन लोगों को पेट की समस्या हो उन्हें पुखराज पहनने में कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। 

🍄 *मोटापे की प्रवृत्ति वालों को भी पुखराज धारण से पहले कुंडली का विशेष विश्लेषण करना चाहिए।

🍄 *पुखराज रत्न को नीलम- गोमेद- लहसुनिया- पन्ना- हीरा रत्न के साथ नहीं पहनना चाहिए।

              🌷हीरा- शुक्र का रत्न है🌷

🎀 *यह प्रेम, सौंदर्य, चमक, सांसारिक सुख भोग और सम्पन्नता का रत्न है। 

हीरा रत्न वृषभ मिथुन कन्या तुला मकर व कुंभ लग्न वालों के लिए शुभ होता है। 

लेकिन हीरा रत्न पहनने से पहले कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति जरूर जांच लें।

🎀 *मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक और मीन लग्न में हीरा रत्न अशुभ हो सकता है। 

🎀 *चंचल मन वालों को हीरा धारण करने से बचना चाहिए. हीरे की जगह सफ़ेद अमेरिकन डायमंड पहन सकते हैं।

🎀 *हीरा रत्न को मोती- माणिक- पुखराज- व मूंगा रत्न के साथ भूलकर भी नहीं पहनना चाहिए।

           🌷नीलम- शनि का रत्न है🌷

 🔥 *इस रत्न को सामान्यतः बिना जांच के नहीं पहनना चाहिए परन्तु अगर जरा भी नुकसान करे तो व्यक्ति के जीवन में संकट पैदा हो सकता है. इसको कुंडली के गंभीर अध्ययन के बाद ही धारण करने की सलाह दी जा सकती है। 

वैसे पूरी जांच के उपरांत वृषभ- मिथुन- कन्या- तुला- मकर- कुंभ लग्न वाले यह रत्न धारण कर सकते हैं। 

🔥 *इस रत्न को पूरी सावधानी व कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति देखने के उपरांत पहने।

🔥 *मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन, लग्न वालों को भूलकर भी नीलम धारण नहीं करना चाहिए।

🔥 *नीलम रत्न के साथ माणिक्य- मूंगा- पुखराज- मोती- धारण नहीं करना चाहिए।

             🌷गोमेद- राहु का रत्न है🌷

💥 *यह राहु का रत्न है। 

सामान्य दशाओं में इसको धारण नहीं करना चाहिए। 

💥 *अगर आपका व्यवसाय या स्वभाव इसके अनुकूल हो तो इसको पहनिए अन्यथा नहीं. 

💥 *नुकसान करने पर यह स्वास्थ्य और जीवन में उतार चढ़ाव पैदा करता है।

💥 *गोमेद रत्न के साथ माणिक्य- मोती- पुखराज- मूंगा रत्न भूलकर भी धारण नहीं करना चाहिए।

           🌷लहसुनिया- केतु का रत्न है🌷

🌲 *यह केतु का रत्न है, अगर कुंडली में केतु अनुकूल हो तभी इसको धारण करें अन्यथा चर्म रोग या स्नायु तंत्र की समस्या हो सकती है।

🌲 *लहसुनिया रत्न के साथ पुखराज- मूंगा- माणिक्य- मोती इत्यादि रत्न धारण नहीं करने चाहिए।

             🌹🌹*विशेष नोट-: 👇👇

👽👉🏻 *रत्न का गलत संयोग बड़ा नुकसान दे सकता है जैसे-: गोमेद के साथ माणिक्य रत्न गलत साबित हो सकता हैं। 

ध्यान रहे जब दो रत्न पहने तो उसका संयोग उचित होना चाहिए।

👽👉🏻 *कोई भी रत्न उचित मुहूर्त पर एवं  उचित साइज़ पहनने पर ही शुभ फल प्रदान करते हैं। 

रत्न पहनने से पहले मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें।।

    🌹🙏 स्वस्थ्य रहें सुरक्षित रहें 🙏🌹  

                 🙏🙏 हर हर महादेव 🙏🙏
 
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો

गजकेसरी योग का उत्तम संयोग/सर्वरोग नाशक मन्त्र :

गजकेसरी योग का उत्तम संयोग / सर्वरोग नाशक मन्त्र : गजकेसरी योग का उत्तम संयोग : सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का संयोग बना है।  सा...