सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
अच्छे नंबर से बच्चे होंगे पास, करें ये उपाई : -
आपका बच्चा तमाम प्रयासों के बाद भी याद किया हुआ भूल जाता है और इस वजह से नंबर कम आ रहे हैं तो बतौर अभिभावक यह आपका कर्तव्य है कि आप अपने बच्चे की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दें !
और उसकी कमियों को पहनचानकर उन्हें दूर करने में उसकी मदद करें।
इस के साथ ही ज्योतिष विज्ञान में कुछ ऐसे उपाय भी बताए गए हैं!
जिनको आजमाकर आप अपने बच्चे की आने वाली परीक्षा में अच्छे अंक लाने में मदद कर सकेंगे।
राशि के अनुसार आजमाएं ये उपाय:-
मेष -
यदि आपके बच्चे को पढ़ते वक्त नींद आने लगती है या वो एकाग्रचित होकर नहीं पढ़ पा रहा है!
तो उसे पूर्व दिशा की ओर मुख करके पढ़ने बैठाएं।
पढ़ने के लिए बैठाने से पहले से उसे पांच बार!
ओम गं गणपतये नमः मंत्र का उच्चारण करवाएं।
वृष : -
इस राशि के बच्चों को परीक्षा में भेजने से पहले गुड़ खिलाकर भेजें।
शनिवार और मंगलवार के दिन सूर्यास्त के समय हनुमानजी के मंदिर में दीपक जलाएं।
मिथुन : -
इस राशि के बच्चों का मुख उत्तर दिशा की ओर कर के उन्हें पढ़नें बैठाएं !
और घर से निकलते वक्त गणेश चालीसा पढ़कर भगवान को लड्डू का भोग लगाकर निकलें।
कर्क : -
वैसे तो पढ़ने वाले सभी बच्चों को मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए !
लेकिन कर्क राशि के बच्चों के लिए यह अधिक फलदायी है।
ये बच्चे पढ़ाई शुरू करने से पहले 21 बार ‘ओम ऐं सरस्वत्यै’ नमः का जप करें।
सूर्योदय के वक्त जल चढ़ाएं।
सिंह : -
सिंह राशि के बच्चों का मन यदि पढ़ाई में नहीं लगता, बेचैनी और घबराहट होती है !
तो अपना मुख पूर्व दिशा की ओर करके बैठें।
पढ़ने से पहले अपनी मेज पर तुलसी के पांच पत्ते तोड़कर रखें और इन पत्तों को रोजाना बदलते रहें।
परीक्षा के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर जाएं।
कन्या : -
इस राशि के बच्चे सुबह स्नान के बाद सरस्वती माता की स्तुति करें और मां को मिश्री का प्रसाद अवश्य चढ़ाएं।
उत्तर दिशा की ओर मुख करके पढ़ें और परीक्षा के दिन हरे या नीले रंग के वस्त्र धारण करें।
तुला : -
तुला राशि के बच्चों के हाथ से गाय को गुड़ रखकर रोटी खिलवाएं।
इस के अलावा रात में सोते समय इनके तकिए के नीचे थोड़ा सा नमक पुडि़या में बांधकर रख दें!
इस से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी और बच्चे का मन पढ़ाई में लगने लगेगा।
वृश्चिक : -
इस राशि के बच्चे सुबह स्नान के पश्चात हनुमान चालीसा का पाठ करें।
परीक्ष के दिन लाल या गुलाबी रंग के साफ कपड़े पहनकर जाएं।
धनु : -
पढ़ने के वक्त मन में भटकाव उत्पन्न हो तो इन बच्चों को मां सरस्वती और गुरुओं का ध्यान करना चाहिए।
इस राशि के बच्चों को पश्चिम दिशा की ओर मुख करके पढ़ने बैठना चाहिए।
मकर : -
पढ़ाई करते समय उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें और मां सरस्वती की वंदना करने के बाद पही पठन कार्य शुरू करें।
परीक्षा के लिए घर से जाते समय हनुमान जी के पैरों से सिंदूर लेकर तिलक करें।
कुंभ : -
पढ़ते समय अपना मुख दरवाजे की ओर न रखें और जिस विषय को पढ़ने बैठें सिर्फ उसे ही साथ में रखें।
पढ़ने से पहले श्री कृष्ण का ध्यान करें। परीक्षा के लिए घर से निकलते समय गुड़ खाएं।
मीन : -
पढ़ाई में मन लगाने के लिए माथे पर चंदन का तिलक लगाएं !
इससे दिमाग में शीतलता आएगी और साथ ही मन भी एकाग्र होकर पढ़ने में लगेगा।
घर से परीक्षा के लिए जाने से पहले गणेश स्तुति करना न भूलें। जानकारी अच्छी लगी तो हमारे ग्रुप से जुड़े और ज्यादा शेयर करें।
परात्मानमेकं जगद् बीजमाद्यं
निरीहं निराकारमोंकारवेद्यम्।
यतो जायते पाल्यते येन विश्वं
तमीशं भजे लीयते यत्र विश्वम् ।।
न भूमिर्न चापो न वहिर्न् वायु-
र्न चाकाशमास्ते न तन्द्रा न निद्रा।
न ग्रीष्मो न शीतं न देशो न वेशो
न यस्याऽस्ति मूर्तिस्त्त्रिमूर्तिं तमीडे।।
आप परमात्मास्वरूप,अद्वितीय, जगत् के आदि कारण, इच्छा रहित !
निराकार तथा प्रणव ( ॐ कार ) द्वारा ही वेद्य हैं,आप ही जगतके उत्पादक !
पालक एवं लीन ( लय ) करने वाले हैं !
ऐसे महादेव जी का मैं भजन करता हूं।
जो न पृथ्वी,जल,अग्नि, वायु हैं तथा जो न आकाश एवं तन्द्रा और निद्रा हैं !
उसी प्रकार जो न ग्रीष्म हैं न शीत हैं और न जिनका कोई देश है !
ऐसे मूर्ति रहित त्रिमूर्ति ( सत्व,रज,तम ) रूप शिवजी की मैं स्तुति करता हूं।
|| जय शिव ओंकारा ||
न सा सभा यत्र न सन्ति वृद्धा,
वृद्धा न ते ये न वदन्ति धर्मम् ।
धर्म: स नो यत्र न सत्यमस्ति,
सत्यं न तद्यच्छलमभ्युपैति ।।
भावार्थ : -
वह सभा सभा नहीं है, जहां वृद्ध न हों,
वे वृद्ध वृद्ध नहीं हैं, जो धर्म की बात नहीं कहते !
वह धर्म धर्म नहीं है, जिसमें सत्य न हो
और वह सत्य सत्य नहीं है, जो छल का सहारा लेता हो ।
जय देवि विशालाक्षि जय सर्वान्तरस्थिते
मान्ये पूज्ये जगद्धात्रि सर्वमङ्गलमङ्गले
त्वत्कटाक्षावलोकेन पद्मभू: सृजते जगत्।।
वैकुण्ठ: पालयत्येव हर: संहरते क्षणात्
शचीपतिस्त्रिलोक्याश्च शासको भवदाज्ञया।।
हे देवि!
हे विशालनयने! हे समस्त प्राणियों के भीतर निवास करने वाली! आपकी जय हो।
हे मान्ये!
हे पूज्ये!
हे जगद्धात्रि!
हे सर्वमंगलमंगले! आपके कटाक्षपात्र मात्र से पद्मयोनि ब्रह्मा जगत् की सृष्टि करते हैं, ' भगवान् विष्णु पालन करते हैं तथा रुद्र क्षण भर में संहार करते हैं !
शचीपति इन्द्र आपकी ही आज्ञा से तीनों लोकों पर शासन करते हैं।'
देवि!
आपको नमस्कार है।
|| जय हो मां विंध्यवासिनी ||
नमो नमस्तेऽच्युत चक्रपाणे
नमोऽस्तु ते माधव मीनमूर्ते।
लोके भवान् कारुणिको मतो में
त्रायस्य मां केशव पापबन्धात्।।
अच्युत! चक्रपाणि! आपको बारम्बार नमस्कार है।
मीनमूर्तिधारी ( मत्स्यावतारी ) माधव! आपको नमस्कार है।
मैं आपको लोकों में दयालु मानता हूं।
केशव!
मुझे पापबन्धन से मुक्त करें।'
|| ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ||
🙏🏻🙏🏻
।।।। जय अंबे ।।। जय अंबे ।।।
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏