भविष्य गणना करते समय ज्योतिषी का हर भाव और चेष्टा सहानुभूति पूर्ण होना चाहिए।
साथ ही ज्योतिषी को चाहिए कि वह उस व्यक्ति के बाहरी जीवन में दिलचस्पी लेते हुए उसके भीतरी जीवन में, उसकी भावनाओं में, उसकी प्रकृति में प्रविष्ट हो जाए।
जो ज्योतिषीय सलाह ले रहा है, उसे यदि ज्योतिषी से किसी प्रकार का लाभ न पहुंचा तो वह निराश और उदास होकर लौट जाएगा।
ज्योतिषी का ध्येय भविष्यकथन के लिए आए व्यक्ति की हर प्रकार से भलाई करना होना चाहिए।
यदि भविष्य कथन के लिए आया व्यक्ति आपका शत्रु या विरोधी हो तो भी अपने मन के भावों को दबाये रखें एवं उससे किसी प्रकार की बहस न करें।
इसी प्रकार यदि आपके पास आया व्यक्ति आपका मित्र हो तो भी उसका व्यक्तिगत भविष्यकथन सार्वजनिक न करें।
ज्योतिष विद्या कोई ऐसा विषय नहीं है जिसे आप कुछ ही घण्टों में सीख जाएं या एक - दो पुस्तक पढ़कर यह समझ बैठें कि आप ज्योतिष विज्ञान में माहिर हो चुके हैं।
यदि आपको ज्योतिष विद्या कुछ कठिन लगे तो भी हताश न हों...!
सन्तोष करें और धैर्यपूर्वक सीखने का प्रयत्न करें।
यह प्राच्य विद्या कोई मन बहलाने का विषय नहीं है....!
बल्कि इस कार्य के लिए विचारों की गहराई, धीरज और प्रतिभा की जरूरत होती है।
यदि कोई ज्योतिषी इस विद्या को ठीक - ठीक समझ गया तो उसके हाथ में जीवन रहस्यों की कुंजी आ जाती है।
ज्योतिष ज्ञान की कोई सीमा नहीं है, यह असीमित है...!
इसलिए निरन्तर ज्योतिष में शोध विद्यार्थी की भूमिका में रहें...!
कभी भी अहंकार का चलते ऐसा कभी न सोचें कि सूर्य का प्रकाश आपने देख लिया है....!
तो सूर्य के रहस्य आपकी मुट्ठी में आ गए हैं...!
सदा विनयपूर्ण बने रहें ताकि ज्ञान प्राप्त कर और ऊंचे उठ सकें।
शुक्र गोचर से बनेगा लक्ष्मी नारायण योग.....!
शुक्र गोचर से बनेगा लक्ष्मी नारायण योग में शुक्र गोचर से बनेगा लक्ष्मी नारायण योग मेष, कर्क सहित इन राशियों में बनेगा धन वर्षा का संयोग...!
शुक्र का गोचर कर्क राशि में होने जा रहा है।
शुक्र के कर्क राशि में गोचर के साथ ही लक्ष्मी नारायण राजयोग प्रभावशाली हो जाएगा।
दरअसल, कर्क राशि में शुक्र और बुध की युति होगी।
जिससे लक्ष्मी नारायण राजयोग प्रभावशाली हो जाएगा।
बता दें कि शुक्र का गोचर 21 अगस्त को कर्क राशि में होगा..!
जब कि बुध 11 अगस्त को ही कर्क राशि में पहुंचेंगे।
ऐसे में जन्माष्टमी के बाद मेष, कर्क सहित 5 राशियों की किस्मत बदलने वाली है।
इन राशि के लोगों को कमाई के नए साधन मिलने के साथ साथ पारिवारिक जीवन में भी सुख समृद्धि का एहसास होगा।
आइए जानते हैं शुक्र गोचर से किन किन राशियों को लाभ मिलेगा।
शुक्र का गोचर कर्क राशि में होने जा रहा है।
ऐसे में जन्माष्टमी के बाद शुक्र के गोचर के साथ ही लक्ष्मी नारायण राजयोग बनेगा।
दरअसल, कर्क राशि में शुक्र और बुध की युति होने से लक्ष्मी नारायण राजयोग बनेगा।
वैदिक ज्योतिष में लक्ष्मी नारायण राजयोग को बहुत ही शुभ माना गया है।
बता दें कि शुक्र कर्क राशि में गोचर 21 अगस्त को होगा और बुध कर्क राशि में 11 अगस्त को पहुंचेंगे।
ऐसे में जन्माष्टमी के बाद 5 राशियों की किस्मत बदल जाएगी।
इन राशियों को अचानक लाभ के साथ साथ तरक्की और सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी।
आइए जानते हैं जन्माष्टमी के बाद किन किन राशियों की किस्मत चमकेगी।
मेष राशि को मिलेगा सुख :
शुक्र का गोचर मेष राशिवालों के चतुर्थ भाव में होगा ऐसे में मेष राशि के जातकों को सभी क्षेत्रों में बहुत ही अनुकूल परिणाम मिलेंगे।
साथ ही आपकी सारी मनोकामना पूर्ण होंगी।
साथ ही इस दौरान आपको भूमि या वाहन आप सुख भी मिल सकता है।
लोगों के साथ आपके संपर्क पहले से काफी मजबूत होंगे।
आपके अपने संबंधियों के साथ संबंध भी मजबूत होंगे और उनसे ही आपको लाभ कमाने के अच्छे अवसर भी मिल सकते हैं।
आपकी आर्थिक स्थिति पहले से मजबूत होगी।
कर्क राशि मिलेगा आर्थिक लाभ
शुक्र का गोचर आपकी राशि में ही होने जा रहा है।
यानी शुक्र आपकी राशि के पहले भाव में रहकर गोचर करेंगे।
ऐसे में आपकी सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी।
साथ ही आपकी सुख सुविधाओं में तेजी से वृद्धि होगी।
विशेष रूप से विद्यार्थियों को इस गोचर का लाभ मिलेगा विशेष रूप से साहित्य और कला से जुड़े लोगों को।
विवाह संबंधित बाते बढ़ाने के लिए यह गोचर आपका पूरी तरह से स्पोर्ट करेगा।
व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए यह गोचर बहुत ही सुख रहेगा क्योंकि, अब आपको सकारात्मक परिणाम मिलने वाला है।
कन्या राशि धन की होगी प्राप्ति
शुक्र का गोचर कन्या राशिवालों के 11वें भाव में होने जा रहा है।
ऐसे में कन्या राशि के लोगों को अचानक धन लाभ मिलने के साथ साथ भाग्य का भी पूरा सपोर्ट मिलेगा।
बात करें आपकी पर्सनल लाइफ की तो आपको इस अवधि में कोई बड़ी खुशखबरी मिल सकती है।
अब आपको कामों में सफलता मिलेगी।
साथ ही आपके अपने दोस्तों के साथ संबंध भी मजबूत होंगे।
आपको उनका हर काम में सफलता मिलेगी।
उनकी मदद से आपको धन ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
इस दौरान आपके पिता आपकी कोई बड़ी परेशानी को आसानी से हल कर देंगे।
वृश्चिक राशि धार्मिक यात्रा के योग
शुक्र का गोचर आपके 9वें भाव में होने जा रहा है।
ऐसे में वृश्चिक राशि के लोगों के लिए बहुत ही अच्छा और सुखद समय रहने वाला है।
आप इस अवधि में अपने करीबियों के साथ अपने संबंध सुधरेंगे साथ ही आपको भाग्य का भी पूरा साथ मिलेगा।
आपको धार्मिक यात्राओं पर जाने का मौका भी मिल सकता है।
वहीं, आप कामकाज से जुड़ी यात्रा पर जा रहे हैं तो आपके लिए यह यात्रा सुखद और मुनाफा दिलाएगी।
घर परिवार में कोई मांगलिक कार्य भी हो सकता है।
सरकारी नौकरी करने वालों को अपना सहकर्मियों से अच्छा सहयोग मिलेगा।
मकर राशि को मिलेगा मेहनत का फल
शुक्र का गोचर आपके 7वें भाव में होने जा रहा है।
ऐसे में मकर राशि के लोगों को अब अपने वैवाहिक जीवन में सुखद परिणाम मिलेंगे।
आपको अपने पार्टनर के साथ रिश्ते पहले से काफी मजबूत होंगे।
रिश्ते में आई गलतफहमियां अब दूर होंगी।
साथ ही इस दौरान आपकी आय तेजी से बढ़ेगी क्योंकि, आपके पास कमाने के सिर्फ एक सोर्स नहीं बल्कि अलग - अलग सोर्स बन सकते हैं।
नौकरीपेशा जातक अब कार्यस्थल पर काफी मेहनत करेंगे और मेहनत का पूरा फल मिलेगा।
जन्मपत्री में बलवान ग्रह और मजबूत भाव बनाते हैं राजयोग और देते हैं सर्वसुख :
किसी की भी जन्मपत्री में ग्रह बलवान हों और भाग्य आदि भाव मजबूत हो।
तो व्यक्ति को जीवन का सब सुख स्वतः ही प्राप्त हो जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रह और भाव की स्थिति का आकलन करने के लिए अनेक नियम हैं।
जिनको ध्यान में रखकर यह पता लगाया जाता है कि जीवन में सुख और दुःख का क्या अनुपात है।
हम सभी जानते हैं।
जन्मपत्री में बारह घर होते हैं।
जिनको भाव भी कहा जाता है।
इन्हीं बारह भाव में जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन की समस्त घटनाऐं छिपी हुई होती हैं ।
जिन्हें ज्योतिषी ग्रहों की चाल एवं ज्योतिष के अनेक नियमों एवं सिद्धान्तों द्वारा फलादेश के रूप में उजागर करते हैं।
एक मजबूत ग्रह और भाव दे सकते हैं अच्छे परिणाम-
ज्योतिष में कुछ बुनियादी नियम हैं।
जिनसे किसी भी ग्रह की ताकत या मजबूती के बारे में निश्चित रूप से जाना जा सकता है।
जन्मकुंडली में एक सशक्त भाव व्यक्ति को जीवन में सुरक्षा, स्थिरता और प्रगति की दिशा में सहारा प्रदान करता है।
जीवन में विकास और विस्तार की संभावनाएं तब बढ़ती हैं जब जन्मकुंडली में घर की स्थिति मजबूत हो।
किसी भाव की मजबूती देखने के लिए इस प्रकार विचार करना चाहिए।
कोई भी ग्रह तभी मजबूत होता है, जब वह निम्न शर्ते पूरी करता है।
किसी भी भाव का स्वामी, केन्द्र या त्रिकोण में स्थित हो अथवा केन्द्र एवं त्रिकोण का स्वामी उसी भाव में स्थित हो।
यदि कोई ग्रह केन्द्र भावों में या त्रिकोण भावों में स्थित हो अथवा शुभ ग्रहों के बीच में स्थित हो तो ऐसी अवस्था के कारण उस भाव अथवा ग्रह से संबंधित शुभ फल जातक को प्राप्त होते हैं।
इसी प्रकार ग्रह अपनी उच्च राशि, मूल त्रिकोण या मित्र राशि में स्थित हो।
भाव और उसका स्वामी शुभ ग्रहों के मध्य में स्थित हो।
भाव और उसके स्वामी को शुभ ग्रह की दृष्टि मिलती हो।
लग्न का स्वामी लग्नेश मजबूत हो, दसवें भाव के स्वामी या अन्य शुभ ग्रहों के साथ युति हो।
यदि कोई ग्रह अपने स्वयं के घर में स्थित हो या उस पर पूर्ण दृष्टि रखता हो।
ग्रह या तो शुभ ग्रह के साथ किसी भाव में स्थित हो या उसे उसकी शुभ दृष्टि प्राप्त हो रही है।
यदि कोई ग्रह नवमांश कुंडली में वर्गोत्तम स्थिति में हो....!
तो ऐसी स्थिति में उस ग्रह एवं भाव से संबंधित शुभ फल व्यक्ति को उस ग्रह की महादशा, अन्तर्दशा, प्रत्यन्तर्दशा, गोचर आदि के कार्यकाल में मिलती है।
इसी को समझकर ज्योतिर्विद फलादेश करते हैं।
ગુરુ ચાલશે ઉલટી ચાલ, 3 રાશિના જાતકો થશે માલામાલ, જાણો તમારી રાશિ છે?
વૈદિક જ્યોતિષ અનુસાર ગુરુ કર્ક રાશિમાં વક્રી ચાલ ચાલશે જેને કારણે કેટલીક રાશિના જાતકોને લાભ થશે.
વૈદિક પંચાગ અનુસાગ ગ્રહ એક નિશ્ચિત અંતરાલ પર વક્રી અને માર્ગીય થાય છે.
તેનો પ્રભાવ વ્યક્તિના જીવનમાં તથા દેશ દુનિયા પર પડે છે.
ત્યારે તમને જણાવી દઇએ કે, ગુકુ ગ્રહ નવેમ્બર મહિનામાં વક્રી થવા જઇ રહ્યો છે.
ગુરુ ગ્રહ કર્ક રાશિમાં 12 વર્ષ બાદ વક્રી થશે.
ગુરુ ક્યારે થશે વક્રી ?
ગુરુ વક્રી થવાથી કેટલીક રાશિનું નસીબ ચમકી શકે છે.
સાથે જ આ રાશિના જાતકોને ધન તથા સમૃદ્ધિ પ્રાપ્ત થઇ શકે છે.
ત્યારે આવો જાણીએ કઇ છે તે લકી રાશી .
કન્યા રાશિ
- ગુરુની ઉલટી ચાલ આ રાશિના જાતકો
- કન્યા રાશિના લોકો માટે ગુરુ ગુરુની વક્રી ગતિ અનુકૂળ સાબિત થઈ શકે છે. કારણ કે ગુરુ તમારી રાશિથી 11મા ભાવમાં વક્રી થવાનો છે.
- આ સમયે તમને તમારી આવકમાં સારો વધારો જોવા મળશે.
- તમે આવકના નવા માધ્યમો દ્વારા પૈસા કમાઈ શકો છો.
- તમે પૈસા બચાવી શકશો અને તમને વ્યવસાયમાં અનેકગણો લાભ પણ મળશે.
- તમારા જીવનમાં પ્રગતિના નવા માર્ગો ખુલશે અને તમારી યોજનાઓ સફળ થશે.
- સામાજિક વર્તુળમાં પણ વધારો થશે. જેના કારણે તમારા માન અને સન્માનમાં વધારો થશે.
- તમારા વરિષ્ઠ લોકો કાર્યસ્થળ પર તમારી મહેનત પર નજર રાખશે અને તેઓ તમારા પ્રયત્નોને ઓળખશે અને પ્રશંસા કરશે.
મકર રાશિ
- ગુરુની વક્રી ગતિ તમારા લોકો માટે અનુકૂળ સાબિત થઈ શકે છે. કારણ કે ગુરુ તમારી ગોચર કુંડળીના સાતમા ભાવમાં વક્રી થવાનો છે.
- આ સમયે પરિણીત લોકોનું લગ્નજીવન ઉત્તમ રહેશે.
- જીવનસાથી પ્રગતિ કરી શકે છે.
- અપરિણીત લોકોને લગ્ન પ્રસ્તાવ મળી શકે છે.
- તમને વ્યવસાયને આગળ વધારવાની તકો મળશે.
- વ્યવસાયમાં મોટો નફો થશે અને તમારી બૌદ્ધિક ક્ષમતામાં વધારો થવાને કારણે તમે આગળ વધશો.
- પારિવારિક સંબંધોમાં મધુરતા આવવાને કારણે મન ખુશ રહેશે.
- અવિવાહિત લોકો મિત્ર તરફ આકર્ષિત થશે.
મિથુન રાશિ
- મિથુન રાશિના લોકો માટે ગુરુ ગ્રહનું વક્રી થવું ફાયદાકારક સાબિત થઈ શકે છે. કારણ કે ગુરુ તમારી રાશિથી ધન અને વાણી સ્થાનમાં વક્રી રહેશે.
- આ સમયે તમને સમયાંતરે અચાનક નાણાકીય લાભ મળી શકે છે.
- તમારી વાણીમાં પ્રભાવ વધશે, જેના કારણે લોકો પ્રભાવિત થશે.
- વેપારી વર્ગ આર્થિક રીતે સમૃદ્ધ અનુભવશે.
- જે લોકો નોકરી કરે છે તેમને સમાજમાં ઉચ્ચ પદ પ્રાપ્ત કરવા માટે ઘણી સુવર્ણ તકો મળશે.
- ગુરુ તમારી રાશિથી સાતમા ભાવ અને કર્મ સ્થાનનો સ્વામી છે.
- આ સમયે નોકરી કરતા લોકોને કાર્યસ્થળ પર નવી જવાબદારીઓ મળી શકે છે.
- બેરોજગાર લોકોને નોકરી મળી શકે છે.
|| ॐ नमः शिवाय ||
पंडारामा प्रभु राज्यगुरु ( Online Astrologer ) https://sarswatijyotish.com
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