google() // Google's Maven repository https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec 1. आध्यात्मिकता के नशा की संगत और ज्योतिष

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इस दिन लगेगा साल का ग्रहण ?

मार्च में इस दिन लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण ?

मार्च में इस दिन लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण ? 

नोट कर लें तिथि, सूतक काल का समय  

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है  

इसमें सूतक काल का खास ध्यान रखा जाता है  

वहीं इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होती है  

तो आइए जान लेते हैं कि साल का पहला सूर्य ग्रहण कब और कितने बजे लगेगा साथ ही सूतक काल का समय के बारे में  

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों का ही प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर होता है  

वैसे नए साल में अभी तक कोई भी सूर्य और चंद्र ग्रहण नहीं लगा है  

मार्च में लगने वाला यह सूर्य ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा  

ग्रहण को दौरान कुछ कार्यों को करने का सख्त मनाही होती है  

ऐसे में जान लेते हैं कि उस दिन हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं 

कब लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण ?

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 13 मिनट तक लगेगा  

जो कि एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. वहीं साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगेगा 

वह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण ही होगा 

सूतक काल का समय :

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूतक काल का समय सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले आरंभ हो जाता है  

जो कि ग्रहण काल खत्म के बाद समाप्त हो जाता है  

सूतक काल केवल उन्हीं स्थानों पर मान्य होता है  

जहां ग्रहण दिखाई देता है. साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा  

जिससे सूतक काल भी मान्य नहीं होगा 






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सूर्य ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं ?

ग्रहण के दौरान में भोजन करना भी शुभ नहीं माना जाता  

सूर्य ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए और न ही इस दौरान किसी स्थान पर जाना चाहिए  

साथ ही सूर्य ग्रहण में बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए और न ही इस दौरान बाहर की यात्रा करनी चाहिए  

लेकिन इस अवधि में श्राद्ध आदि से संबंधित कार्य किए जा सकते है 

इन राशि वालों को होगा फायदा ?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, साल का पहला सूर्य ग्रहण कुछ राशि वालों के लिए बहुत ही शुभ साबित हो सकता है  

सूर्य ग्रहण के बाद कर्म फल दाता शनिदेव मीन राशि प्रवेश कर जाएंगे  

जिससे मिथुन, तुला, धनु और मीन राशि वालों को जबरदस्त फायदा हो सकता है  

ऐसा में इन राशि वालों के बिगड़े काम बनेंगे. नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है  

इसके अलावा सेहत के मामले में भी इन राशि के लिए अच्छा रहेगा. यहीं नही विदेश यात्रा के भी योग बन रहे हैं 

शुक्रादित्य राजयोग पलटेगा 4 राशियों का भाग्य! मार्च से गोल्डन टाइम, हर काम में सफलता, पद - पैसा और प्रतिष्ठा के प्रबल योग...! 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मार्च माह में राहु ,शनि, शुक्र, बुध, सूर्य और चंद्रमा मीन राशि में विराजमान रहने वाले है। 

वर्तमान में शुक्र, राहु औरबुध मीन राशि में स्थित है और इसी महीने सूर्य शनि और चंद्रमा भी मीन राशि में प्रवेश करने वाले है  

ऐसे में 29 मार्च को मीन राशि में 6 ग्रहों का महाकुंभ लगेगा।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को प्रेम, विलासिता, सौंदर्य और सुख का कारक माना जाता है। 

शुक्र ग्रह मीन राशि में उच्च तो कन्या राशि में नीच भाव में रहते है।

वर्तमान में शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में विराजमान है और 31 मई तक इसी राशि में रहेंगे। 

आत्मा, सुख, मान-सम्मान के कारक सूर्य भी 14 मार्च को मीन में प्रवेश करेंगे, ऐसे में मीन में सूर्य शुक्र की युति से शुक्रादित्य राजयोग बनेगा।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है  

इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और शुक्र एक राशि में विराजमान होते है तो शुक्रादित्य राजयोग का निर्माण होता है।

आइए जानते हैं सूर्य - शुक्र की युति और राजयोग से किन - किन राशि वालों की किस्मत चमकने वाली है……!

शुक्रादित्य राजयोग का राशियों का प्रभाव 


वृषभ राशि : 


सूर्य शुक्र की युति और शुक्रादित्य राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। 

हर क्षेत्र में अपार सफलता पा सकते हैं। 

जीवन में खुशियों का आगमन होगा। 

करियर में जमकर सफलता हासिल करेंगे। 

इस अवधि में आकस्मिक धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। 

व्यापार में बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। 

आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।

अटके और रुके कामों को गति मिलेगी।

मिथुन राशि : 

शुक्रादित्य राजयोग का बनना जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। 

भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। 

नौकरी के नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं। 

व्यापार में भी खूब लाभ मिलने वाला है। 

भौतिक सुख पा पाने में सफल होंगे। 

लव लाइफ अच्छी रहेगी। 

पिता के साथ संबंध अच्छे रहेंगे।

पद - प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो सकती है।

आय के नए स्त्रोत खुलेंगे। 

स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है।

मीन राशि : 

आपकी राशि में शुक्र - सूर्य की युति और राजयोग का बनना लाभकारी साबित होगा। 

व्यक्तित्व में निखार आएगा। 

आत्मविश्वास में वृद्धि देखने को मिलेगी। 

लंबे समय से अटके और रुके काम पूरे होंगे। 

भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा।

नौकरीपेशा जातकों को प्रमोशन और वेतन में वृद्धि क योग हैं। 

समाज में अच्छा मान - सम्मान और पद - प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। 

अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है।

तुला राशि : 

राजयोग और सूर्य - शुक्र की युति जातकों के लिए शुभ सिद्ध हो सकता है। 

हर क्षेत्र में सफलता हासिल हो सकती है। 

करियर और नौकरी में तरक्की के साथ वेतन में वृद्धि हो सकती है। 

बिजनेस में अपार सफलता हासिल हो सकती है। 

आय के नए स्त्रोत खुल सकते हैं। 

सेहत अच्छी रहने वाली है  

मार्च में मीन राशि में लगेगा ग्रहों का जमावड़ा :

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मार्च माह में मीन राशि में एक साथ राहु के साथ - साथ शनि, शुक्र, बुध, सूर्य और चंद्रमा गोचर करने वाले हैं  

ऐसे में त्रिग्रही, चतुर्ग्रही और षट ग्रही योग का निर्माण होगा। वर्तमान में दैत्यों के गुरू शुक्र, मायावी ग्रह राहु और ग्रहों के राजकुमार बुध मीन राशि में विराजमान है। 

14 मार्च को सूर्य, 29 मार्च को शनि और 28 मार्च को चंद्रमा भी मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

इस तरह 29 मार्च को मीन राशि में 6 ग्रह का महाकुंभ लगेगा।

इस दौरान मालव्य, लक्ष्मी नारायण, शुक्रादित्य और बुधादित्य राजयोग बनेगा। 

इन राशियों में शनिदेव को सबसे अधिक महत्वपूर्ण ग्रह माना जा रहा है   

जो करीब 30 साल बाद मीन राशि में प्रवेश करेंगे।

बरकत चाहिए या बर्बादी ? 

होलिका दहन पर ये 1 गलती पड़ सकती है भारी 

होली से एक दिन पहले मनाया जाने वाला होलिका दहन नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने और सुख - समृद्धि की कामना के लिए किया जाता है। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ कार्य जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं 

जबकि कुछ गलतियां भारी नुकसान और दरिद्रता का कारण बन सकती हैं।

कुछ दिनों के बाद देशभर में होली का त्योहार मनाया जाएगा  

यह ऐसा त्योहार है जिसके लिए न सिर्फ़ बच्चे बल्कि बड़े भी उत्साहित रहते हैं। 

यह रंगों का त्योहार होता है इस दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं। 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली मनाने की शुरुआत की इसके पीछे क्या वजह है  

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने जब नरसिंह अवतार लेकर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी तब से ही होली मनाने की शुरुआत हुई है।

होली के एक दिन पहले होली दहन होता है, इस दिन लोग जलती हुई आग में नई फ़सल के दाने , उपले और अन्य सामग्री डालते हैं। 

होली दहन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं माना जाता है बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करने का प्रतीक भी माना जाता है। 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन जाने अंजाने में की गई कुछ गलतियों की वजह से भारी नुक़सान झेलना पड़ सकता है। 

चलिए जानते हैं कि इस दिन किन किन गलतियों से बचना चाहिए।

होलिका दहन पर ये 1 गलती पड़ सकती है भारी....!

सफ़ेद चीज़ों का सेवन न करें

वैदिक ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन के दिन सफ़ेद चीज़ों का सेवन करने की मनाही होती है। 

इस के पीछे यह कारण है कि होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को किया जाता है  

और यह दिन सफ़ेद चीज़ों की तरफ़ नकारात्मक और शक्तियों को आकर्षित करता है। 

ऐसे में होलिका दहन के दिन सफ़ेद चीज़ें जैसे मिठाई, खीर, दूध, दही या बताशा नहीं खाना चाहिए।

सफ़ेद चीज़ों का सेवन न करें :

वैदिक ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन के दिन सफ़ेद चीज़ों का सेवन करने की मनाही होती है। 

इस के पीछे यह कारण है कि होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को किया जाता है, और यह दिन सफ़ेद चीज़ों की तरफ़ नकारात्मक और शक्तियों को आकर्षित करता है। 

ऐसे में होलिका दहन के दिन सफ़ेद चीज़ें जैसे मिठाई, खीर, दूध, दही या बताशा नहीं खाना चाहिए।

इन लकड़ियों को न जलाएं :

वैसे तो होलिका दहन के दिन आमतौर पर सुखी लकड़ियों को जलाया जाता है  

लेकिन कुछ लकड़ी ऐसी भी होती हैं जिन्हें जलाना इस दिन शुभ नहीं माना गया है। 

होलिका दहन के दिन आम, बरगद, पीपल कि लकड़ियों को नहीं जलाना चाहिए। 

दरअसल, इसके पीछे यह कारण है कि फाल्गुन में इन पेड़ों की नयी कोपलें निकलती है  

अगर हम इन लकड़ियों को जलाएंगे तो इसका मतलब है कि हम कोपलों को नष्ट कर रहे हैं।

उधार लेन - देन :

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से, ऐसा कहा जाता है कि होलिका दहन के दिन कभी भी किसी से उधार पैसा नहीं लेना चाहिए न ही किसी को उधार पैसा देना चाहिए। 

इस दिन पैसों और रूपयों का लेन देन करने से घर में आर्थिक तंगी आती है। 

घर में सुख शांति पर भी नज़र लगती है। 

इस लिए यह गलती न करें।


21 सितंबर, 2025 को होने वाला आंशिक सूर्य ग्रहण एक आगामी खगोलीय घटना है जिसने दुनिया भर के खगोल प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया है। 

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य के सामने से गुजरता है, जिससे सूर्य का प्रकाश अवरुद्ध हो जाता है और पृथ्वी की सतह पर छाया पड़ जाती है। 

आंशिक सूर्य ग्रहण में, चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढकता, बल्कि उसे आंशिक रूप से ही ढकता है। 

इससे एक अद्भुत दृश्य बनता है; आप सूर्य के कोरोना या बाहरी वायुमंडल को अपनी आँखों से भी देख सकते हैं।

यह याद रखना ज़रूरी है कि सूर्य ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखने से आपकी आँखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। 

आँखों को स्थायी नुकसान पहुँचाए बिना ग्रहण देखने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए सौर चश्मे या अन्य सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें।

अपने वैज्ञानिक महत्व के अलावा, सूर्य ग्रहण ने पूरे इतिहास में सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

परिणामस्वरूप, कुछ लोग सूर्य ग्रहण को भविष्य में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं के संकेत या शगुन के रूप में देखते हैं, और आधुनिक समय में ये लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण बन गए हैं।

सितंबर 2025 में होने वाले सूर्य ग्रहण के दृश्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है, और कई समुदाय पहले से ही लोगों के आगमन की तैयारी कर रहे हैं। 

कुछ जगहों पर तो इस अवसर को मनाने के लिए विशेष आयोजनों और उत्सवों की भी योजना बनाई जा रही है!

कुल मिलाकर, सितंबर 2025 का सूर्य ग्रहण एक अविश्वसनीय घटना है जिसका कई लोग बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। 

यह लोगों के लिए जीवन में एक बार मिलने वाला एक ऐसा अद्भुत नज़ारा देखने का अवसर है जो उन पर एक अमिट छाप छोड़ जाएगा।

अगर आप ग्रहण देखने की योजना बना रहे हैं, तो इसे सुरक्षित रूप से देखें! 

आप इसे विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए सौर दृश्य चश्मों, सौर फ़िल्टर वाले दूरबीनों, या अन्य विशेष उपकरणों का उपयोग करके कर सकते हैं।

कब?

21 सितंबर 2025, शाम 5:29 UTC

उलटी गिनती

60 दिन

क्षेत्र

दक्षिण में ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत, अटलांटिक, अंटार्कटिका

दिशा

88.9° पूर्व

ऊंचाई

0.75°


अपनी आँखों की सुरक्षा कैसे करें!

सूर्य ग्रहण के दौरान कभी भी सीधे सूर्य की ओर न देखें (सिवाय उस संक्षिप्त समय के जब सूर्य पूर्ण ग्रहण में हो; और तब भी सावधानी बरतें)। 

सूर्य को सीधे देखने से आपकी आँखों को स्थायी नुकसान हो सकता है। 

सूर्य ग्रहण देखने के बाद, यदि आपकी या आपके बच्चे की दृष्टि में कोई परिवर्तन होता है और वह लगातार बिगड़ता रहता है, तो किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ से उपचार लें।

अतिरिक्त पठन

पूर्ण सूर्यग्रहण क्या है?

आंशिक सूर्यग्रहण क्या है?

वलयाकार सूर्य ग्रहण क्या है?

आगामी ग्रहण

21 सितंबर, 2025 आंशिक सूर्य ग्रहण

17 फरवरी, 2026, आंशिक सूर्य ग्रहण

12 अगस्त, 2026, पूर्ण सूर्य ग्रहण

पिछले ग्रहण

29 मार्च, 2025 आंशिक सूर्य ग्रहण

2 अक्टूबर, 2024 वलयाकार सूर्य ग्रहण

8 अप्रैल, 2024 पूर्ण सूर्य ग्रहण - अंधेपन से बचाव

14 अक्टूबर, 2023 महान अमेरिकी ग्रहण (वलयाकार सूर्य ग्रहण)

20 अप्रैल, 2023 वलयाकार सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण + आपकी आँखें

अगले ग्रहण के लिए तैयार हो जाओ!

अगला सूर्य ग्रहण कब है?

सूर्य ग्रहण चेकलिस्ट

सूर्य ग्रहण के दौरान आँखों की सुरक्षा

ग्रहण चश्मे का उपयोग कैसे करें

सूर्य ग्रहण की सुरक्षित तस्वीर कैसे लें या रिकॉर्ड करें

पूर्वस्कूली और प्रारंभिक बचपन के लिए सूर्य ग्रहण पाठ और पुस्तक

वैदिक पंचांग के अनुसार, साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा....! 

इसकी शुरुआत 21 सितंबर को रात 11 बजे से होगी और यह 22 सितंबर को सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक रहेगा....! 

आपको बता दें कि सदी की सबसे महत्वपूर्ण खगोलीय घटना साल 2027 को होने जा रही है....! 

पूरे छह मिनट 23 सेकंड तक सूरज 2 अगस्त 2027 को गायब रहेगा....! 

इस तरह की ब्रह्मांडीय घटना के लिए असाधारण रूप से लंबा समय है....!

हिंदू धर्म में ग्रहण का विशेष महत्व है....! 

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है और ज्योतिषों के साथ-साथ वैज्ञानिकों की भी इस पर नजर रहती है...!

सूर्यग्रहण पर खाने-पीने से जुड़ी मान्यताएं- (Assumptions Related To Food And Drink On Surya Grahan)

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए....!

इस दौरान खाना-पीना मना होता है....!

गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी छीलना, काटना नहीं चाहिए....!

माना जाता है कि पानी में कुछ बूंदे तुलसी के या पत्ते डालकर इसे उबाल कर पीना चाहिए....!

वे लोग जो बीमार हैं या जो बुजुर्ग हैं उन्हें इस दौरान उपवास नहीं करना चाहिए....!

इस दौरान खाने में आप मेवे ले सकते हैं. यह कम मात्रा में खाने पर भी शरीर को पूरी एनर्जी देंगे...!

महिलाओं को ग्रहण के दौरान सात्विक भोजन लेने की सलाह दी जाती है....!

सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं....! 

इसके अलावा सूर्य ग्रहण लगने पर खाना खाने, खाना बनाने और सोने के लिए भी मना किया जाता है...!

क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण ?

साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा...! 

जिसकी वजह से इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा...! 

यह सूर्य ग्रहण सिर्फ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फिजी, न्यूजीलैंड और अटलांटिक महासागर में दिखाई देने वाला है....!

ज्योतिषी पंडारामा प्रभु राज्यगुरु 

ऑन लाइन / ऑफ लाइन ज्योतिषी

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